BSSC/Bihar SSC CGL Mock Test
BIHAR SCC (BSSC) CGL MOCK TEST । BSSC CGL Practice Set । Bihar SSC Free Mock Test । Bihar SSC quiz in Hindi
नमस्कार दोस्तों, क्या आप सामान्य विज्ञान से संबंधित फ्री BSSC CGL Mock Test In Hindi की तलाश में है। अगर हां तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं।
आज के इस लेख में हम लोग सामान्य विज्ञान से संबंधित कुछ प्रश्नों के उत्तर तथा उनसे संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करेंगे।
इससे आपकी विज्ञान संबंधी जानकारी बढ़ेगी जिससे आप सामान्य विज्ञान के मॉक टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे।
यदि आप रोजाना विज्ञान से संबंधित इस मॉक टेस्ट को हल करते हैं तो अवश्य ही आप विज्ञान से संबंधित प्रश्न जो परीक्षा में पूछे जाते हैं उन्हें हल कर पाएंगे।
आप नीचे दिए हुए लेख को पूरा पढ़ें उसके बाद ही आप, BSSC CGL Mock Test In Hindi को हल करें।
मैं पिछले 9 वर्षों से प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करवाने में लगा हूं और काफी बच्चों को सफलता दिलाई। सामान्य अध्ययन के प्रश्न पत्रों में विज्ञान का काफी महत्व है ऐसे में हमने निर्णय लिया है की बहुत सारी सामग्रियों से कुछ महत्वपूर्ण BSSC CGL Mock Test questions with answers in hindi को इकट्ठा किया जाए।
इन प्रश्नों से हमने सामान्य विज्ञान का फ्री मॉक टेस्ट बनाया है। साथ ही कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों से संबंधित विशेष जानकारी हमने इस लेख में शामिल भी किया है। इन प्रश्नों के अध्ययन के पश्चात आप में इतनी योग्यता अवश्य होगी।
Hello Friends अगर आप लोग BSSC CGL exam की तैयारी करते हैं तो मैं आप लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न लेकर आई हूं। जो आपके एग्जाम के दृष्टि से काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है, अगर आप लोग अपने आप को जज करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए क्विज को solve कर सकते हैं।
BIHAR SSC (BSSC) CGL MOCK TEST
solve करने के लिए नीचे दिए गए Start पर click करें। और दिए गए quiz को solve करें।
और हां ये भी देखे की आप कितना questions सही किए और कितना गलत
यूरोपीय कंपनियों का भारत आगमन
- भारत में वास्कोडिगामा केप ऑफ गुड होप के रास्ते केरल के कालीकट बंदरगाह पर 1498 में पहुंचा।
- वास्कोडिगामा के स्वागत तत्कालिक शासक जमोरिन ने किया था।
- प्रथम पुर्तगाली फैक्ट्री की स्थापना 1503 ई. में कोचिन में की गई। द्वितीय फैक्ट्री की स्थापना 1505 ई. में कुन्नूर में की गई।
- फ्रांसिस्को द अल्मीड को भारतीय क्षेत्र का प्रथम गवर्नर बनाया गया। पुर्तगालियों को मजबूत समुद्री शक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए उसने ब्लू वाटर पॉलिसी का सिद्धांत दिया।
- 1509 इसमें अल्मीडा ने गुजरात संयुक्त बड़े को पराजित किया। 1510 ई. अल्फांसो डी अल्बुकर्क 1509 ई. में वायसराय बना। 1511 ई. पुर्तगालियों ने मलाया द्वीप में स्थित मलक्का पर अधिकार कर लिया।
(Bihar SSC (BSSC) CGL Mock Test Part-1)
- 1530 ई. में पुर्तगालियों ने गोवा को अपने भारतीय राज्य की औपचारिक राजधानी बनाई।
- भारत में तंबाकू की खेती, जहाज निर्माण तथा प्रिंटिंग प्रेस की शुरुआत पुर्तगालियों के आगमन के पश्चात हुई। पुर्तगालियों ने 1556 ई. गोवा में प्रथम प्रिंटिंग प्रेस की स्थापना की।
- अंग्रेज अधिकारी ने पुर्तगालियों सैली नामक स्थान पर पराजित किया था। भारत में सबसे पहले पुर्तगाली व्यापारी आए थे और भारत से सबसे बाद में जाने वाले पुर्तगाली 1961 में गोवा और दमन और दीव को छोड़ कर गए।
- भारत में डच ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 1602 ई. में हुई। डचों की दिलचस्पी दक्षिण पूर्व एशिया के मसालों बाजारों में सीधा प्रवेश पर नियंत्रण स्थापित करने की थी। डच ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1632 ई. में बिहार के पटना में स्थापित की। डचों द्वारा मसालों के निर्यात के स्थान पर कपड़ों को प्राथमिकता दी गई।
- व्यापारिक प्रतिद्वंदिता को लेकर अंग्रेजों और डचों में 1759 ई. बेदरा का युद्ध हुआ, जिसमें डचों का हार का सामना करना पड़ा और अंतिम रूप से भारत में डचों का पतन हो गया।
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- अंग्रेजों द्वारा 1599 ई. में गवर्नर ऑफ कंपनी एंड मार्चेट्स ऑफ लंदन ट्रेडिंग टू द ईस्ट इंडिया नामक कंपनी की स्थापना की गई।
- इंग्लैंड की महारानी ने एक चार्टर के द्वारा इस कंपनी को भारत में 15 वर्षों तक व्यापार करने की आज्ञा प्रदान कर दी। हालांकि इससे पहले जॉन मिल्डेनहाल थल मार्ग से भारत आ चुका था।
- भारत आने वाला प्रथम अंग्रेज “जॉन मिल्डेनहॉल” 1597 ई. में स्थल मार्ग से भारत आया था। भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना अंग्रेज व्यापारियों ने 31 दिसंबर, 1600 ई. को की थी। शुरुआत में ईस्ट इंडिया कंपनी के साझेदारों की संख्या 217 थी।
- ब्रिटिश कंपनी ने 1608 ई. में भारत के पश्चिमी तट सूरत में व्यापारिक केंद्र खोलने का प्रयास किया। लेकिन यह प्रयास असफल रह गया। बाद में जाकर इसी कंपनी को 1612 ई. में कंप्लीट किया गया।
- राजकीय कृपा प्राप्त करने के लिए विलियम हॉकिन्स इंग्लैंड के राजा जेम्स प्रथम के दूत के रूप में जहाँगीर के दरबार में 1609 ई. में पहुँचा।
- भारत में अंग्रेजों का आगमन ईस्ट इंडिया कम्पनी के गठन के बाद 24 अगस्त, 1608 ई. में हुआ। जब कैप्टन विलियम हॉकिन्स “हेक्टर या रेडड्रेगन” नामक व्यापारिक जहाज से सूरत पहुँचा।
- हॉकिंस ने 1609 ई. में मुगल बादशाह जहांगीर से मिलकर सूरत में बसने की आज्ञा मांगी, परंतु स्थानीय विरोध के कारण उसे आगे नहीं मिली।
- विलियम हॉकिन्स जहाँगीर के दरबार में जाने वाला प्रथम अंग्रेज था। वह तुर्की व फारसी भाषाएँ जानता था। फारसी और मुगल तहजीब के उसके ज्ञान से प्रभावित होकर जहांगीर ने उसे 400 का मनसब तथा इंग्लिश खान की उपाधि दी।
- हॉकिन्स ने जहाँगीर से सूरत में बसने की इजाजत मांगी। परन्तु पुर्तगालियों के विरोध के कारण इजाजत नहीं मिल सकी।
- 1611 ई. में कैप्टन मिडल्टन सूरत के समीप स्थित स्वाल्ली पहुँचा और वहाँ मुगल गवर्नर से स्वाल्ली में व्यापार करने की अनुमति पाने में सफल हो गया।
- 1612 ई. में कैप्टन बेस्ट ने सूरत के बन्दरगाह को पुर्तगालियों से जीत लिया जिससे पुर्तगाली एकाधिकार की निरन्तरता भंग हो गयी।
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Bihar SSC (BSSC) CGL Mock Test Part-1
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- मुगल बादशाह जहांगीर ने 1613 ई. में एक फरमान जारी कर अंग्रेजो को सुरत में थॉमस एल्डवर्थ के अधीन व्यापारिक कोठी खोलने की इजाजत दी थी।
- सूरत पहुँच कर टॉमस एडवर्थ के अधीन अंग्रेजों ने वहाँ एक व्यापारिक कोठी खोली। इस कोठी को राजकीय मान्यता प्राप्त नहीं थी।
- 1615 ई. में सम्राट जेम्स प्रथम का दूत सर टॉमस रो जहांगीर के दरबार में पहुंचा, जिसने मुगल साम्राज्य के सभी भागों में व्यापार करने एवं फैक्ट्रियां स्थापित करने का अधिकार प्राप्त (शाही फरमान) प्राप्त कर लिया। जिसे शाही फरमान के नाम से जाना जाता है ।
- 1618 ई. में बादशाह जहाँगीर ने एक फरमान जारी कर अंग्रेजों को कुछ व्यापारिक सुविधाएं प्रदान की तथा पुर्तगालियों के विरुद्ध सैनिक सहायता का भी आश्वासन दिया।
- 1619 ई. में रो वापस इंग्लैंड चला गया। इसके बाद अंग्रेजों ने भड़ौच, अहमदाबाद, आगरा, अजमेर में व्यापारिक कोठियां स्थापित कर लीं। ये सभी कोठियां सूरत की कोठी के अध्यक्ष के नियन्त्रण में रखी गयीं।
Love To Read – बिहार में यूरोपीय कंपनियों का आगमन(Bihar mein europiy companiyon ka aagman)
(Bihar SSC (BSSC) CGL Mock Test Part-1)
Bihar SSC (BSSC) CGL Mock Test Part-2
British kalin Pramukh adhiniyam tatha prashasak (ब्रिटिशकालीन प्रमुख अधिनियम तथा प्रशासन)
- 1813 ई. के चार्टर एक्ट से कंपनी का भारतीय व्यापार पर एकाधिकार समाप्त हो गया, यद्यपि चाय और चीन की के साथ व्यापार पर एकाधिकार बना रहा।
- 1833 ई. के एक्ट से भारतीय कानून को संचित एवं संहिताबद्ध करने तथा सुधारने की भावना से एक विधि आयोग की स्थापना की गई।
- 1833 ई. के चार्टर एक्ट द्वारा कंपनी के चाय और चीन के साथ व्यापारिक अधिकार को भी पूर्णत: समाप्त कर दिया गया।
- ब्रिटिश सरकार ने संवैधानिक व्यवस्था को सर्वप्रथम 1861 ई. के भारतीय परिषद अधिनियम के द्वारा स्थापित किया।
- 1919 ई. में जब मांटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार अधिनियम पास हुआ था, तब इंग्लैंड के प्रधानमंत्री लॉयर्ड जार्ज था।
- लोक सेवाओं में उत्कृष्टता के लिए लॉर्ड कर्जन के समय में मुस्लिम सदस्यों ‘खान बहादुर’ जबकि हिंदू सदस्यों को, ‘रायबहादुर’ की उपाधि प्रदान करने की परंपरा शुरू हुई।
- 1935 ई. के अधिनियम पारित होने के समय लॉर्ड विलिंगटन वायसराय थे।
- भारत में किए गए कार्यों के लिए इंग्लैंड में वारेन हेस्टिंग पर महाभियोग चलाया गया।
- लॉर्ड एलनबरो के कार्यकाल को कुशल अकर्मण्यता की नीति का काल कहा जाता है।
Bihar SSC (BSSC) CGL Mock Test Part-2
- कर्जन ने लिखा:- ‘मुझे विश्वास है कि कांग्रेस अपने विनाश की तरफ जा रही हैं और मेरी यह बड़ी इच्छा भारत में रहते होगी कि इसके शांति प्रिय निधन के लिए इसका सहायक बनू।
- केसर ए हिंद की उपाधि महारानी विक्टोरिया को प्रदान की गई।
- भारत में प्रथम बार जनगणना लॉर्ड मेयो के शासनकाल में हुई थी।
- ब्रिटिश भारत की राजधानी कलकाता से दिल्ली परिवर्तित करने की घोषणा लॉर्ड हार्ड के शासनकाल में की गई।
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- कर्नल वाइली की हत्या के आरोप में ‘मदन लाल धींगरा’ को मृत्युदंड दिया गया।
- गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट, 1935 द्वारा केंद्रीय संसद के उच्च सदन में बिहार को 8 सीटें मिली थी।
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यूरोपीय कंपनियों का भारत आगमन
Bihar SSC (BSSC) CGL Mock Test Part-2

Bihar SSC (BSSC) CGL Mock Test Part-3
ब्रिटिश कंपनी द्वारा भारत विजय (British company dwara Bharat Vijay)
- बंगाल में अंग्रेजी व्यापार की मुख्य वस्तुएं – रेशम, सूती कपड़े, शोरा और चीनी थी।
- 1757 ई. में कलकाता को जीतने के बाद सिराजुद्दौला ने उसका नाम अलीनगर रख दिया था।
- 1767-72 ई. तक बंगाल में चले दैद्ध शासन को बंगाल के गवर्नर वारेन हेस्टिंग ने समाप्त किया।
- अल्फ्रेड लॉयल के अनुसार, “पलासी के क्लाइव की सफलता ने बंगाल में युद्ध तथा राजनीति का एक अत्यंत विस्तृत क्षेत्र अंग्रेजों के लिए खोल दिया।”
- मुर्शिदाबाद में मीर जफर को कर्नल क्लाइव का गीदड़ कहा जाता था।
- मीर जफर के काल में अंग्रेजों ने बांटो और राज करो (फुट डालो और शासन करो) की नीति को जन्म देते हुए एक गुट को दूसरे गुट से लड़ाने की शुरुआत की।
- पी. ई. रॉबर्ट्स ने बक्सर के युद्ध के बाद बारे में कहा था कि प्लासी की अपेक्षा बक्सर को भारत में अंग्रेजी प्रभुता की जन्मभूमि मानना कहीं अधिक उपयुक्त है।
- मुगल साम्राज्य के अंतर्गत आने वाले प्रांतों में बंगाल सर्वाधिक संपन्न था।
- अवध राज्य को अंग्रेजों के लिए दुधारू गाय की उपमा दी जाती हैं।
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- ताराबाई राजाराम की पत्नी थी।
- मुर्शिदाबाद को स्वतंत्र बंगाल राज्य की राजधानी बनाया गया था।
- मुर्शीद कुली खान ने इजारेदारी कहलाने वाले अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से कर वसूल किया।
- औरंगजेब द्वारा लगाए गए जजिया कर को बहादुर शाह ने बंद करवा दिया। इसे शाहे बेखबर के नाम से भी जाना जाता है।
- टीपू सुल्तान शेरे-ए-मैसूर भी कहा जाता है।
- टीपू सुल्तान की तलवार पर रत्न जड़ित बाघ बना हुआ था। उनकी यह तलवार 21 करोड़ में नीलाम हुई थी।
- ईस्ट इंडिया कंपनी के अंग्रेज गवर्नर सर जॉन चाइल्ड को औरंगजेब द्वारा भारत से निष्कासित किया गया।
- बंगाल की राजधानी ढाका से मुर्शिदाबाद स्थानांतरित करने वाला बंगाल का नवाब मुर्शीद कुली खां था।
- 1751 ई. में अलीवर्दी खां ने यथार्थ रूप से उड़ीसा का संपूर्ण रघुजी भोंसले को कर दिया।
- मुर्शिद कुली खां के शासन के साथ ही बंगाल की सूबेदारी अनुवांशिक हो गई थी।
- ईस्ट इंडिया कंपनी के द्वारा वाणिज्यिक अधिकार का दुरुपयोग बक्सर के युद्ध का प्रमुख कारण था।
- इलाहाबाद की संधि से बंगाल में द्वैध शासन लागू किया गया।
- प्लासी के युद्ध के बाद मीर जाफर को बंगाल का नवाब बनाया गया।
- अंग्रेजों से मतभेद होने पर मीर कासिम अपनी राजधानी मुंगेर ले गया।
- 18 वीं शताब्दी के राजपूत शासकों में सवाई राजा मिर्जा जयसिंह का स्थान सर्वोपरि हैं। इन्होंने विज्ञान और कला के महान केंद्र के रूप में जयपुर की स्थापना की।
- आमेर के राजा जयसिंह को मिर्जा राजा सवाई की उपाधि मुगल बादशाह जहांदार शाह ने दी थी।
Bihar SSC (BSSC) CGL Mock Test Part-3
- विक्टर जेकम (फ्रांसीसी) ने रंजीतसिंह को एक असाधारण पुरुष तथा छोटे पैमाने पर एक बोनापार्ट कहां।
- रणजीत सिंह ने लाहौर में तोप निर्माण का कारखाना खोला था।
- आधुनिक पंजाब के निर्माण का श्रेय सुकरचकिया मिसल को जाता है।
- लॉर्ड आकलैंड नेम रणजीत सिंह की फौजी-ए-खान को संसार की सबसे सुंदर फौज कहा था।
- 1733 ई. में बंगाल के नवाब द्वारा अलीवर्दी खां को बिहार का डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया।
- बक्सर के युद्ध में ईस्ट इंडिया कंपनी का नेतृत्व कैप्टन हेक्टर मुनरों कर रहा था।
- मुर्शिद कुली खां ने बंगाल में नई भू राजस्व व्यवस्था के अंतर्गत किसानों को तकावी ऋण प्रदान किया तथा बंगाल में इजारेदारी प्रथा को बढ़ावा दिया।
- लॉर्ड क्लाइव ने 1867 ई. में जेम्स रेनेल को बंगाल का सर्वेयर जनरल नियुक्त किया।
Try To Solve – Bihar SSC (BSSC) CGL Mock Test Part-1
यूरोपीय कंपनियों का भारत आगमन
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Topic:-British kalin Pramukh adhiniyam tatha shasak
Love to Read:- British company dwara Bharat Vijay (ब्रिटिश कंपनी द्वारा भारत विजय)
Bihar SSC (BSSC) CGL Mock Test Part-4
British samrajvadi niti (ब्रिटिश साम्राज्यवादी नीति)
- भारतीय शासकों द्वारा गोद लेने की प्रथा को डलहौजी ने समाप्त कर दिया था।
- 1813 ई. के चार्टर एक्ट द्वारा कंपनी का व्यापारिक स्वरूप समाप्त कर उसे राजनीतिक स्वरूप प्रदान किया गया।
- 1876 ई. में लॉर्ड लिटन ने यह सुझाव दिया था कि भारतीय राजाओं की एक अंतः परिषद गठित की जाए, ताकि यह लोग वायसराय के साथ सामूहिक हितों के मामलों पर विचार-वमर्श कर सके, किंतु इंग्लैंड में यह सुझाव स्वीकृत नहीं किया।
- लॉर्ड लिटन के सुझावों के आधार पर 1921 ईस्वी में नरेंद्र मंडल का उद्घाटन किया गया।
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Bihar SSC (BSSC) CGL Mock Test Part-4
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- नरेंद्र मंडल में रियासतों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया था।
- राज्य परिषद में भी 260 में से 104 आस्थान इन रियासतों को प्रदान किया गया।
- कार्नवालिस सहिंता शक्तियों का पृथक्करण के सिद्धांत पर आधारित था।
- सर जॉन शोर ने भारतीय रियासतों के प्रति हस्तक्षेप की नीति का पालन किया था। इसमें केवल अवध के मामले में हस्तक्षेप किया था।
- भारत में सहायक संधि प्रणाली का जन्मदाता फ्रांसीसी गवर्नर डुप्ले को माना जाता है। भारत में सर्वप्रथम सहायक संधि पर हस्ताक्षर हैदराबाद के निजाम ने किया।
- इस संधि के तहत राज्यों के वैदेशिक संबंध अंग्रेजी राज्य के अधीन थे, जबकि आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं किया जाता।
- अवध का विलय डलहौजी की सबसे बड़ी राजनीतिक भूल कहलाती हैं।
- व्यपगत सिद्धांत को हड़प नीति भी करते हैं।
- मार्लो-मिंटो सुधार के परिणामस्वरूप द्वैध शासन के अंतर्गत प्रांतीय कार्यपालिका का दो भागों में विभाजन हुआ।
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यहां पर दिए गए लिंक पर क्लिक करके प्रीवियस क्विज को solve कर सकते है।
BIHAR SSC (BSSC) CGL MOCK TEST PART-1
BIHAR SSC (BSSC) CGL MOCK TEST PART-2
BIHAR SSC (BSSC) CGL MOCK TEST PART-3

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BIHAR SSC (BSSC) CGL MOCK TEST PART-4 solve करने के लिए नीचे दिए गए Start पर click करें। और दिए गए quiz को solve करें।
और हां ये भी देखे की आप कितना questions सही किए और कितना गलत।
British shasan ka Bhartiya arthvyavastha per prabhav (ब्रिटिश शासन का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव)
- प्लासी युद्ध के बाद बंगाल की दीवानी प्राप्त करने के बाद कंपनी के गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग ने 1772 ईस्वी में बंगाल में द्वैध शासन व्यवस्था को समाप्त कर फार्मिंग सिस्टम (इजारेदारी प्रथा) की शुरुआत भू- राजस्व की वसूली के लिए की।
- फार्मिंग सिस्टम में भूमि को लगान वसूली हेतु ठेके पर दिए जाने की प्रथा शुरू की गई जिसे इजारा नाम दिया गया। कालांतर में इसे स्थानीय बंदोबस्त व्यवस्था में रूपांतरित किया गया।
- जमींदारों द्वारा कृषक से मांगे गए अवैध उपकर बेगारी की वेथी कहते थे।
- दादा भाई नौरोजी को प्रति व्यक्ति आय का अनुमान +(₹20) लगाने वाला प्रथम राष्ट्रवादी नेता माना जाता है।
- राष्ट्रीय आय का प्रथम वैज्ञानिक आकलन (₹62) डॉ. वी.के.आर.वी. राव ने किया।
- 1833 ई. के चार्टर अधिनियम द्वारा कंपनी की सभी व्यापारिक गतिविधियां समाप्त कर दी गई।।
- भारत में पहला जूट कारखाना सेरामपुर (बंगाल) के निकट रिशरा 1855 ई. में शुरू किया गया।
- सर्वप्रथम जमशेद जी टाटा ने 1907 ईस्वी में जमशेदपुर (जो कि उस समय बिहार में था) में TISCO की स्थापना की।
- 1853 ई. में पहली रेल लाइन की शुरूआत मुंबई से ठाणे तक की गई।
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Bihar SSC (BSSC) CGL Mock Test Part-5
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- भारतीय इतिहास का सर्वाधिक भयंकर अकाल 1876-78 ई में मद्रास, मैसूर, हैदराबाद, महाराष्ट्र, पश्चिमी संयुक्त प्रांत और पंजाब में पड़ा।
- ब्रिटिश भारत में बिहार क्षेत्र अफीम उत्पादन हेतु प्रसिद्ध था।
- हार्डिंग महोदय ने 1916 ईस्वी में सर थॉमस हॉलैंड के नेतृत्व में एक भारतीय औद्योगिक आयोग की स्थापना की।
- 1896 ईस्वी में ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ ने कलकाता अधिवेशन में औपचारिक रूप से धन के निष्कासन सिद्धांत को स्वीकृत किया।
- 19वीं शताब्दी में आपदा का महासागर अकाल उड़ीसा से संबंधित।
- रजनी पाम दत्त की पुस्तक इंडिया – टुडे ने भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के विभिन्न चरणों का उल्लेख किया है।
- ‘सूर्यास्त नियम’ (1794 ईस्वी) स्थानीय बंदोबस्त व्यवस्था से संबंधित है। स्थानीय बंदोबस्त व्यवस्था भारत के क्षेत्रफल के लगभग 19% भाग पर लागू थी।
- ब्रिटिश राज्य में बिहार के कृषक वर्गों को त्रिमुखी वर्गीकरण में रखा जाता है।
- बंगाल और बिहार में भूमि पर किरायेदारों के अधिकार को बंगाल किराएदारी अधिनियम, 1885 द्वारा स्वीकार किया गया।
- रैयतवाड़ी व्यवस्था ब्रिटिश शासन के कुल भू – क्षेत्र के 51% भाग पर तथा महालवाडी व्यवस्था ब्रिटिश भारत के कुल क्षेत्रफल के 30% भाग पर लागू थी।
- द्वैध शासन का जनक ‘ सर लियोनिल कार्टिस’ को माना जाता है।
- ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमंस में चुने जाने वाले प्रथम भारतीय दादाभाई नौरोजी थे जिन्होंने ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमंस में उदारवादी दल की सीट पर चुनाव लड़ी एवं जीत दर्ज की।
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और हां ये भी देखे की आप कितना questions सही किए और कितना गलत।
British shasan ka Bhartiya samaj per prabhav(ब्रिटिश शासन का भारतीय समाज पर प्रभाव)
हेलो दोस्तों नमस्कार,
आज Bihar Govt Jobs के इस लेख में हम लोग BIHAR SCC (BSSC) CGL MOCK TEST PART-6 को लाए हैं। अगर आप लोग BSSC CGL exam की तैयारी करते हैं तो मैं आप लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न लेकर आई हूं। जो आपके एग्जाम के दृष्टि से काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है, अगर आप लोग अपने आप को जज करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए क्विज को solve कर सकते हैं।
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और हां ये भी देखे की आप कितना questions सही किए और कितना गलत
भारत में प्रेस का विकास(Development of Press in India)
- भारत में शिरीष की स्थापना सर्वप्रथम पुर्तगालियों ने 16वीं शताब्दी में की थी।
- ईस्ट इंडिया कंपनी1684 ई. में मुंबई में अपना पहला प्रिंटिंग प्रेस स्थापित किया।
- भारत का पहला समाचार-पत्र बंगाल गजट या द कलकत्ता जनरल एडवरटाइजर था, जिसे जेम्स अगस्टस हिक्की के द्वारा 1780 ई. में प्रकाशित किया गया, किंतु ब्रिटिश सरकार के प्रति आलोचनात्मक रवैया अपनाने के कारण इसका मुद्रणालय जब्त कर लिया गया।
- आठवीं शताब्दी में निकलने वाली प्रमुख अखबार इस प्रकार थे:- एशियाटिक मिरर, ओरिएंटल स्टर, बॉम्बे गजट, हेराल्ड एवं मद्रास कोरियर आदि।
- उपर्युक्त अखबार एक दूसरे के पूरक थे। इनमें आपसी प्रतिस्पर्धा का अभाव था, क्योंकि यह सप्ताह के अलग-अलग दिन निकलते थे।
- किसी भी भारतीय द्वारा अंग्रेजी में प्रकाशित पहला समाचार पत्र बंगाल गजट था, जिसका प्रकाशन गंगाधर भट्टाचार्य ने किया, जबकि हिंदी में प्रकाशित प्रथम समाचार पत्र उदंत मार्तंड था, जिसका प्रकाशन 1826 ई. में कलकाता से जुगली किशोर ने किया।इसके संपादक पंडित जुगल किशोर शुक्ल मूल रूप से कानपुर संयुक्त प्रांत के निवासी थे।
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Bihar SSC (BSSC) CGL Mock Test Part-6
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- प्रेस को जनता का प्रतिबिंब बनाना तथा उसे आधुनिक रूप देने का श्रेय बर्किंघम को है, जबकि भारत में राष्ट्रीय प्रेस की स्थापना का श्रेय राजा राममोहन राय को दिया जाता है, जिन्होंने संवाद कौमुदी (1821 ई.), मीरात-उल-अखबार (1822 ई.) का प्रकाशन किया।
- 1859 ई. में बंगाली भाषा में समाज सुधारक एवं राष्ट्रवादी विद्वान ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने ‘सोम-प्रकाश’ नामक राष्ट्रवादी समाचार पत्र का प्रकाशन किया।
- इस समाचार पत्र के विरुद्ध ही लिटिल का वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट (1878 ईस्वी) में लागू हुआ था।
- अंग्रेजी अधिकारी इस बात से भयभीत है कि यदि यह समाचार पत्र लंदन पहुंच गए तो उनके काले कारनामों का भंडाफोड़ हो जाएगा। इसलिए उन्हें प्रेस के प्रति दमन की नीति अपनाने का निश्चय किया।
प्रमुख समाचार पत्र निम्नलिखित हैं:-
BSSC Prectice Set In Hindi
- टाइम्स ऑफ इंडिया :- यह अंग्रेजी भाषा की एक समाचार पत्र थी। इसका संस्थापक या संपादक रॉबर्ट नाइट थे। इसे 1861 में बंबई से प्रकासित की गई थीं।
- स्टेट्समैन :- यह अंग्रेजी भाषा की एक समाचार पत्र थी। इसका संस्थापक या संपादक रॉबर्ट नाइट थे। इसे 1875 में कलकत्ता से प्रकाशित की गई थी।
- पायनियर:- यह अंग्रेजी भाषा की एक समाचार पत्र थी। इसका संस्थापक या संपादक जॉर्ज एलन (कुछ मानक स्रोतों में जूलियन रॉबिंसन भी मिलता है।) इसे 1865 में इलाहाबाद से प्रकाशित की गई थी
- सिविल एंड मिलिट्री गजट:- यह अंग्रेजी भाषा की एक समाचार पत्र थी। किसका संस्थापक या संपादक रॉबर्ट नाइट थे। इसे 1876 में लाहौर से प्रकासित की गई थीं।
- अमृत बाजार पत्रिका:- यह बंगाली भाषा की एक समाचार पत्र थी। इसका संपादक या संस्थापक मोतीलाल घोष या शिशिर कुमार घोष थे। इसे 1868 में कलकत्ता से प्रकाशित किया गया था।
- सोम -प्रकाश:- यह बंगाली भाषा की एक समाचार पत्र थी। इसका संपादक या संस्थापक ईश्वरचंद्र विद्यासागर थे। इसे 1859 में कलकत्ता से प्रकाशित किया गया था।
- हिंदू :- यह अंग्रेजी भाषा की एक समाचार पत्र थी। इसका संस्थापक या संपादक वीर राघवाचारी या जी सुब्रमण्यम अय्यर थे। इसे 1878 में मद्रास से प्रकासित की गई थीं।
- केसरी, मराठा:- यह मराठी और अंग्रेजी भाषा की एक समाचार पत्र थी। इसका संस्थापक या संपादक तीलक (प्रारंभ में आगरकर के सहयोग से) थे। इसे 1881 में बंबई से प्रकासित की गई थीं।
- बंगाली:- यह अंग्रेजी भाषा की एक समाचार पत्र थी। इसका संस्थापक या संपादक सुरेंद्रनाथ बनर्जी थे। इसे 1879 में कलकत्ता से प्रकाशित की गई थी।
- न्यू इंडिया और कॉमन वील:- यह अंग्रेजी भाषा की एक समाचार पत्र थी। इसका संस्थापक या संपादक एनी बेसेंट थे। इसे 1914 में मद्रास से प्रकाशित की गई थी।
- हिंदुस्तान टाइम्स: – यह अंग्रेजी भाषा की एक समाचार पत्र थी। इसका संस्थापक या संपादक के. एम. पाणिकर थे। इसे 1924 में दिल्ली से प्रकाशित की गई थी।
- कॉमरेड:- यह अंग्रेजी भाषा की एक समाचार पत्र थी। इसका संस्थापक या संपादक मुहम्मद अली थे। इसे 1911 में कलकत्ता से प्रकाशित की गई थी।
- यंग इंडिया:- यह अंग्रेजी भाषा की एक समाचार पत्र थी। इसका संस्थापक या संपादक महात्मा गांधी थे। इसे 1919 में अहमदाबाद से प्रकाशित की गई थी।
- नव जीवन :- यह हिंदी और गुजराती भाषा की एक समाचार पत्र थी। इसका संस्थापक या संपादक महात्मा गांधी थे। इसे 1919 में अहमदाबाद से प्रकाशित की गई थी।
- हरिजन :- यह हिंदी और गुजराती भाषा की एक समाचार पत्र थी। इसका संस्थापक या संपादक महात्मा गांधी थे। इसे 1933 में पूना से प्रकाशित की गई थी।
- द इंडिपेंडेंट:- यह अंग्रेजी भाषा की एक समाचार पत्र थी। इसका संस्थापक या संपादक मोतीलाल नेहरू थे। इसे 1919 में इलाहाबाद से प्रकासित की गई थीं।
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BIHAR SSC (BSSC) CGL MOCK TEST PART-6 solve करने के लिए नीचे दिए गए Start पर click करें। और दिए गए quiz को solve करें।
और हां ये भी देखे की आप कितना questions सही किए और कितना गलत

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British shasan ka Bhartiya samaj per prabhav(ब्रिटिश शासन का भारतीय समाज पर प्रभाव) PART -2
हेलो दोस्तों नमस्कार,
आज Bihar Govt Jobs के इस लेख में हम लोग BIHAR SCC (BSSC) CGL MOCK TEST PART-7 को लाए हैं। अगर आप लोग BSSC CGL exam की तैयारी करते हैं तो मैं आप लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न लेकर आई हूं। जो आपके एग्जाम के दृष्टि से काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है, अगर आप लोग अपने आप को जज करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए क्विज को solve कर सकते हैं।
BIHAR SSC (BSSC) CGL MOCK TEST PART-7 solve करने के लिए नीचे दिए गए Start पर click करें। और दिए गए quiz को solve करें।
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- ‘ अमृत बाजार पत्रिका’ मोतीलाल घोस द्वारा बांग्ला भाषा में प्रकाशित अखबार था तथा 1878 ई. के वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट से बचने के लिए इसको अंग्रेजी भाषा में परिवर्तित कर दिया गया था।
- द न्यू इंडिया, वंदे मातरम तथा स्वराज राष्ट्रवादी नेता बिपिन चंद्र पाल द्वारा संपादित पत्रिका थी, जबकि ‘ संध्या’ नामक पत्रिका ब्रह्म बंधन उपाध्याय की थी।
- लॉर्ड एलनबोर के समय में अगस्त 1843 ई. तक सिंध के समस्त भूभाग को ब्रिटिश साम्राज्य में सम्मिलित कर लिया गया।
- वेलेजली ने नागरिक सेवा में (I.C.S.) भर्ती किये गए युवकों के प्रशिक्षण के लिए 1800 ई. में कोलकाता में फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना की।
- लार्ड कर्नवालिश भारत में सिविल सेवा का जन्मदाता था तथा 1853 ईस्वी से यह प्रतियोगितात्मक परीक्षा होने लगी थी।
- 1863 ई. में प्रथम भारतीय I.C.S. सत्येंद्र नाथ टैगोर थे, जबकि 1874 ईस्वी में सुरेंद्रनाथ बनर्जी को I.C.S. से हटाया गया।
- ब्रिटिश रेजिडेंट जोनाथन डंकन के प्रयत्नों से 1792 ईस्वी में बनारस में एक संस्कृत कॉलेज खोला गया, जिसका उद्देश्य हिंदुओं के धर्म, साहित्य और कानून का अध्ययन और प्रसार करना था।
- ब्रिटिश सरकार कुल 4 समाचार एजेंसियों की स्थापना की गई–रायटर, एसोसिएटेड प्रेस ऑफ़ इंडिया, फ्री प्रेस न्यूज सर्विस, यूनाइटेड प्रेस ऑफ इंडिया।
- जी सुब्रमण्यम अय्यर ने द हिंदू तथा स्वदेसमित्रम पत्रिका की शुरुआत की।
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- भारत की प्रथम राष्ट्रीय समाचार एजेंसी ‘द एसोसिएटेड प्रेस ऑफ इंडिया’ हैं। ‘फ्री हिंदुस्तान’ अखबार के संपादक अमेरिका में तारकनाथ दास थे।
- राजनीतिक सुधारों को लेकर विरोध करने वाले प्रथम भारतीय दादाभाई नौरोजी थे।
- पटना से प्रकाशित होने वाला प्रथम अंग्रेजी अखबार दि बिहार हेराल्ड था।
- द टाइम्स ऑफ इंडिया राष्ट्रवादी समाचार पत्र नहीं था जबकि, बंगाल, द हिंदू, दि मराठा और केसरी का संबंध राष्ट्रवाद से था।
- इंपीरियल कैडेट कॉप्र्स की स्थापना 1901 लॉर्ड कर्जन ने किया।
- ‘इंडियन’ नामक समाचार पत्र उदारवादियों का मुख्य पत्र था जो इनकी गतिविधियों का प्रचारक था।
- ‘द इंडियन मुसलमान’ के लेखक डब्ल्यू डब्ल्यू हंटर है।
- तारकनाथ दास द्वारा बैकुवर में ‘फ्री हिंदुस्तान’ अखबार शुरू किया गया।
- भाइकल मधुसूदन दत्त ने दीनबंधु मित्र द्वारा लिखित बांग्ला नाटक नीलदर्पण का अंग्रेजी अनुवाद किया।
- बकिम चंद्र चटर्जी द्वारा लिखे गए उपन्यास ‘आनंदमठ’ से ‘वंदे मातरम’ को ग्रहण किया गया है जो बाद में भारत का राष्ट्रीय गीत घोषित किया गया।
- भारत में प्रथम विधि विश्वविद्यालय की स्थापना अगस्त 1887 में कर्नाटक के बैंगलोर में हुई थी।
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British shasan ke prati bhartiyon ki pratikriya Part-1(ब्रिटिश शासन के प्रति भारतीयों की प्रतिक्रिया)
हेलो दोस्तों नमस्कार,
आज Bihar Govt Jobs के इस लेख में हम लोग BIHAR SCC (BSSC) CGL MOCK TEST PART-8 को लाए हैं। अगर आप लोग BSSC CGL exam की तैयारी करते हैं तो मैं आप लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न लेकर आई हूं। जो आपके एग्जाम के दृष्टि से काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है, अगर आप लोग अपने आप को जज करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए क्विज को solve कर सकते हैं।
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जनजातिय एवं नागरिक विद्रोह
- जनजातिय एवं नागरिक विद्रोह को तीन भागों में बांटा जा सकता है-
- पूर्वी भारत तथा बंगाल के विद्रोह
- सन्यासी विद्रोह
- कोल विद्रोह
- संथाल विद्रोह
- अहोम विद्रोह
- खासी विद्रोह
- फराजी विद्रोह
- मुंडा विद्रोह
- पश्चिमी भारत के विद्रोह
- रामोसी विद्रोह
- कच्छ का विद्रोह
- भील विद्रोह
- सूरत का नमक आंदोलन
- गडकरी विद्रोह
- सावंतवादी विद्रोह
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- दक्षिण भारत के विद्रोह
- विजयनगरम के राजा का विद्रोह
- वेलूथंपी का विद्रोह
- पड़यगारों का विद्रोह
पूर्वी भारत तथा बंगाल के विद्रोह
सन्यासी विद्रोह(1770-1820, अन्य स्रोतों में 1763-1800):-
- सन्यासी विद्रोह के प्रमुख क्षेत्र बंगाल था।
- प्रमुख नेता गिरी संप्रदाय के सन्यासी थे।
- बंगाल में अंग्रेजी राज्य स्थापित होने से एक नई अर्थव्यवस्था की शुरुआत हुई, जिसके कारण बंगाल के जमींदार, कृषक तथा शिल्पी आदि की स्थिति दयनीय हो गई।
- बंगाल में पड़े 1770 ई. का भीषण अकाल तथा कंपनी के पदाधिकारियों की कठोरता को लोगों ने विदेशी राज्य की देन समझा।
- 1770 ई. के इस भीषण अकाल ने बंगाल के निवासियों को त्रस्त कर दिया। इससे पूर्व अंग्रेजों द्वारा कई प्रतिबंध लगाए गए थे, जिसने बंगाल को जकड़ सा दिया था। तीर्थ स्थलों की यात्रा पर लगे प्रतिबंधों से दुखी होकर शंकराचार्य के अनुयायी गिरी संप्रदाय के सन्यासियों ने अंग्रेजों के विरुद्ध सशस्त्र विद्रोह प्रारंभ कर दिया।
- सन्यासी विद्रोह की शुरुआत 1760 ई. से माना जाता है। जो लगभग 1800 ई. तक चला ।
- सन्यासी लोगों ने जनता के साथ मिलकर अन्याय के विरुद्ध लड़ने की परंपरा को बनाए रखते हुए सबसे पहले कंपनी की कोठियों तथा कोषों पर आक्रमण किया।
- इस आंदोलन में बेदखल किए गए किसान, विघटित सिपाही, सत्ताच्यूत जमींदार, तथा धार्मिक नेता शामिल थे।
- आंदोलनकारियों ने बलपूर्वक धन वसूला तथा अंग्रेजी फैक्ट्रियों में लूटपाट की। वारेन हेस्टिंग्स ने इस आंदोलन को दबाने के लिए दमन का सहारा दिया तथा आंदोलन को कुचल दिया। सन्यासी विद्रोह का उल्लेख वंदे मातरम के रचयिता बंकिमचंद्र चटर्जी ने अपने उपन्यास आनंदमठ ने किया है।
कोल विद्रोह (1831- 32 ई.)
- कोल विद्रोह का प्रमुख क्षेत्र छोटानागपुर क्षेत्र था।
- इस विद्रोह का प्रमुख नेता बिद्धो भगत और गंगा नारायण थे।
- मैदानी लोगों द्वारा कोल कहे जाने वाले छोटानागपुर क्षेत्र में मुंडा, ओरॉव, हो आदि जनजतियां निवास करती थी। छोटानागपुर के कोलों के विद्रोह के प्रमुख कारण निम्नलिखित प्रकार हैं:-
- 1822 ई. में ब्रिटिश सरकार द्वारा चावल से बनने वाली शराब पर उत्पादन शुल्क का लगाया जाना, जिसे आदिवासी लोग उपयोग में लाते थे।
- अंग्रेजों के स्थायी बंदोबस्त व्यवस्था ने भी आदिवासियों में असंतोष को बढ़ाया।
- ब्रिटिश सरकार द्वारा कोलों की भूमि को छीनकर मुस्लिम कृषि को तथा सिखों को दे दिया गया।
- 1831 ई. में बुद्धो भगत के नेतृत्व में कोलों ने कई विदेशियों अथवा बाहर के लोगों को या तो जला दिया या उनकी हत्या कर दी, मकानों तथा कचहरियों को जला दिया गया। ब्रिटिश सरकार ने इस विद्रोह का कठोरता से दमन किया फिर भी यह विद्रोह रूक-रुककर 1848 ई. तक चलता रहा। एक दीर्घकालीन तथा विस्तृत अभियान के पश्चात ही यहां शांति स्थापित हो सकी।
संथाल विद्रोह(1855-56 ई.)
- संथाल विद्रोह के प्रमुख क्षेत्र दमन –