Gk Mock Test In Hindi Part-1
भारत के महत्वपूर्ण कृषि क्रांतियां (Bharat ke mahatvpurn krishi Krantiya)
कृषि क्रांति क्या है? कृषि क्रांति के कारण और प्रकार(what is Agriculture Revolution Causes and types of Agricultural Revolution)
कृषि क्रांति (Agricultural Revolution)
- जब कृषि क्षेत्र में विकास हेतु नए तकनीक एवं विभिन्न उपकरणों का उपयोग में लाया जाता है तो उसे कृषि क्रांति करते हैं। कृषि क्रांति कृषि वस्तुओं के उत्पादन के तरीकों एवं उत्पादन दर में वृद्धि करते हैं जिसमें किसानों एवं देश की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। भारत में कृषि को अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता हैं। भारत के अधिकांश जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। भारत के कुल क्षेत्रफल का लगभग 51 प्रतिशत क्षेत्रफल में खेती की जाती हैं।
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कृषि क्रांति के प्रकार (types of Agricultural Revolution)
कुछ प्रमुख कृषि क्रांतियां: –
हरित क्रांति(Green Revolution):–
- हरित क्रांति 1960 के दशक में नॉर्मन बोरलॉग द्वारा शुरू किया गया था इन्हें ‘विश्व में हरित क्रांति के जनक’ के रूप में जाना जाता है।
- विश्व में हरित क्रांति का शुरुआत मेक्सिको में हुआ।
- वर्ष 1970 में नॉर्मन बोरलॉग को उच्च उपज देने वाली किस्मों(High Yielding Varieties) (संकर बीजों का प्रयोग) का विकसित करने के उनके कार्य के लिए नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया है।
- भारत में हरित क्रांति का नेतृत्व मुख्य रूप से एम.एस स्वामीनाथन द्वारा किया गया है। और भारत में एम.एस स्वामीनाथन को हरित क्रांति के जनक के रूप में जाना जाता है।
- हरित क्रांति का संबंध खाद्दान्न उत्पादन से हैं। खाद्दान्न उत्पादन के लिए संकर किस्म के बीज और नए तकनीकों का उपयोग को बढ़ावा दिया गया है।
- हरित क्रांति के परिणामस्वरूप गेहूं और चावल के उत्पादन में भारी वृद्धि हुई जिसकी शुरुआत 20वीं शताब्दी के मध्य में विकासशील देशों में उच्च उपज देने वाली किस्में के बीजों का प्रयोग के कारण हुए।
- हरित क्रांति के अंतर्गत सबसे ज्यादा गेहूं के फसल में तेजी आया
- इसकी प्रारंभिक सफलता मेक्सिको और भारतीय उपमहाद्वीप में देखी गई।
- भारत में हरित क्रांति की शुरुआत 1966-67 में हुई थी।
- भारत में हरित क्रांति में सबसे ज्यादा लाभ उत्तर पश्चिम भारत को हुआ। यहां पर गेहूं की पैदावार अच्छे हुए।
- हरित क्रांति के अंतर्गत उच्च किस्म के (संकर) बीजों का प्रयोग किया गया था। जिसने पैदावार अच्छा दिया। हरित क्रांति में प्रयोग किए जाने वाले शंकर भेजी मैक्सिकन गेंहू के बिजी थे
श्वेत क्रांति (White Revolution) (Gk Mock Test In Hindi Part-1)
- भारत में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए श्वेत क्रांति की शुरुआत की गई। जिससे देश में दूध की कमी को पूरा करने में मदद मिली।
- सन 1970 में भारत में “ऑपरेशन फ्लड”आभियान की शुरुआत की गई । जिसे आगे चलकर श्वेत क्रांति के नाम से जाना जाता है। वर्गीज कुरियन (Verghese kurien) श्वेत क्रांति (White Revolution)के जनक के रूप में जाने जाते हैं।
पीली क्रांति (Yellow Revolution)
- पीली क्रांति का संबंध तिलहन उत्पादन (सरसों एवं सूर्यमुखी) से हैं जिसका उद्देश्य आत्मनिर्भरता प्राप्त करना था।
- पीली क्रांति को लागू करने का मुख्य कारण खाद्य तेलों एवं तिलहन फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए था।
- पीली क्रांति के परिणामस्वरुप भारत के खाद्य तेल एवं तिलहन उत्पादन को महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्त हुई। सैम पित्रोदा(Sam Pitroda) को भारत में पीली क्रांति(Yellow Revolution) के जनक के रूप में जाना जाता है

नीली क्रांति(Blue Revolution) (Gk Mock Test In Hindi Part-1)
- नीली क्रांति का संबंध मत्स्य उत्पादन से हैं, भारत में नील क्रांति की शुरुआत सन् 1985 से 1990 के बीच हुई।
- नीली क्रांति के अंतर्गत मछली एवम् समुद्री उत्पादनों को पकड़ने के कार्यों को सरकार द्वारा प्रोत्साहन देने का प्रयास किया गया जिससे किसानों को मछुआरों की आय दोगुनी हो सके।
- डॉ. हीरालाल चौधरी (Dr. Hiralal Chaudhari)और डॉक्टर अरुण कृष्णन (Dr. Arun Krishnan) को नीली क्रांति (Blue Revolution) के जनक के रूप में जाना जाता है।
भूरी क्रांति(Grey Revolution) (Gk Mock Test In Hindi Part-1)
- भूरी क्रांति के अंतर्गत उर्वरक उत्पादन, चमड़ा उत्पादन एवं कोको उत्पादन को बढ़ावा मिला।
- भूरी क्रांति को लागू करने से इससे जुड़े लोगों की आय में वृद्धि हुई जिससे देश को भी आर्थिक लाभ हुआ।
बदामी क्रांति
- बदामी क्रांति का संबंध मसालों के उत्पादन से हैं, बदामी क्रांति में मसालों के उत्पादन को बढ़ावा मिला जिससे मसालों के व्यापार से जुड़े लोगों की आय में वृद्धि हुई।
- लाल क्रांति (Red Revolution) – मांस/ टमाटर के उत्पादन के लिए (विशाल तिवारी को लाल क्रांति(Red Revolution) का जनक माना जाता है)
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- रजत क्रांति – कुक्कुट एवं अंडा उत्पादन के लिए
- गुलाबी क्रांति – प्याज, झींगा मछली और औषधि के उत्पादन के लिए
- कृषि क्रांति – बायोडीजल के उत्पादन के लिए
- सुनहरी क्रांति – फल उत्पादन के लिए
- अमृत क्रांति – नदियों को जोड़ने के लिए
- काली क्रांति – पेट्रोलियम उत्पादन के लिए
- गोल्डन फाइबर क्रांति – जूट उत्पादन के लिए
- स्वर्ण क्रांति – शहद के उत्पादन के लिए
- सिल्वर फाइबर क्रांति – कपास के उत्पादन के लिए
- सदाबहार क्रांति – कृषि एवम् जैव तकनीक के लिए
- सैफॉन क्रांति – केसर के उत्पादन के लिए
- धूसरी/ स्लेटी क्रांति – सीमेंट एवं उर्वरक के उत्पादन के लिए
- N.H. क्रांति – स्वर्णिम चतुर्भुज योजना से संबंधित
- सूर्योदय क्रांति – इलेक्ट्रिक उद्योग के विकास हेतु
- खाद्य श्रृंखला क्रांति – भारतीय कृषि की आमदनी को दोगुना करने हेतु
- ग्रीन गोल्ड क्रांति – चाय के उत्पादन के लिए
- परमानी क्रांति – भिंडी के उत्पादन के लिए
- वाइट गोल्ड क्रांति(तीसरी क्रांति) – कपास के उत्पादन के लिए
- हरित सोना क्रांति – बांस के उत्पादन के लिए
- मूक क्रांति – मोटे अनाज के उत्पादन के लिए
- खाकी क्रांति – चमड़ा के उत्पादन के लिए
- प्रोटीन क्रांति (दूसरी हरित क्रांति पर आधारित तकनीक) – उच्च उत्पादन हेतु
- गंगा क्रांति – भ्रष्टाचार के खिलाफ सदाचार पैदा करने हेतु
- गोल क्रांति – आलू के उत्पादन के लिए
- इंद्रधनुष क्रांति – सभी क्रांति में तेजी लाने के लिए
कृषि क्रांति के कारण (Gk Mock Test In Hindi Part-1)
किसी भी देश के विकास हेतु कृषि क्रांति का बहुत बड़ा योगदान होता है। देश की तरक्की के लिए समय-समय पर कई प्रकार की कृषि क्रांतियों की शुरुआत की गयी।इससे कृषि कार्य में श्रम की निर्भरता में कमी आयी, जिससे किसानों के कार्यों को सरल बनाया जा सका। कृषि के कार्यों में बदलाव की जरूरत थी जिसके लिए कृषि क्रांति को लागू करना बेहद जरूरी था।
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