भारत के महत्वपूर्ण कृषि क्रांतियां

कृषि क्रांति (Agricultural Revolution) कृषि क्रांति के प्रकार (types of Agricultural Revolution) कुछ प्रमुख कृषि क्रांतियां: – हरित क्रांति(Green Revolution):–

हरित क्रांति:– हरित क्रांति 1960 में नॉर्मन बोरलॉग द्वारा शुरू किया गया था  इन्हें ‘विश्व में हरित क्रांति के जनक’ के रूप में जाना जाता है। – विश्व में हरित क्रांति का शुरुआत मेक्सिको में हुआ।

वर्ष 1970 में नॉर्मन बोरलॉग को  उनके कार्य के लिए नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया । भारत में एम.एस स्वामीनाथन को हरित क्रांति के जनक के रूप में जाना जाता है।

हरित क्रांति का संबंध खाद्दान्न उत्पादन से हैं। खाद्दान्न उत्पादन के लिए संकर किस्म के बीज और नए तकनीकों का उपयोग को बढ़ावा दिया गया है।

हरित क्रांति का संबंध खाद्दान्न उत्पादन से हैं। खाद्दान्न उत्पादन के लिए संकर किस्म के बीज और नए तकनीकों का उपयोग को बढ़ावा दिया गया है।

 हरित क्रांति के अंतर्गत सबसे ज्यादा गेहूं के फसल में तेजी आया इसकी प्रारंभिक सफलता मेक्सिको और भारतीय उपमहाद्वीप में देखी गई। भारत में हरित क्रांति की शुरुआत 1966-67 में हुई थी।

श्वेत क्रांति (White Revolution) – भारत में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए श्वेत क्रांति की शुरुआत की गई। जिससे देश में दूध की कमी को पूरा करने में मदद मिली।

श्वेत क्रांति (White Revolution) – भारत में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए श्वेत क्रांति की शुरुआत की गई। जिससे देश में दूध की कमी को पूरा करने में मदद मिली।

सन 1970 में भारत में “ऑपरेशन फ्लड”आभियान की शुरुआत की गई ।  जिसे आगे चलकर श्वेत क्रांति के नाम से जाना जाता है।   वर्गीज कुरियन श्वेत क्रांति के जनक के रूप में जाने जाते हैं।

काली क्रांति – पेट्रोलियम उत्पादन के लिए गोल्डन फाइबर क्रांति – जूट  उत्पादन के लिए स्वर्ण क्रांति – शहद के उत्पादन के लिए सिल्वर फाइबर क्रांति – कपास के उत्पादन के लिए

रजत क्रांति – कुक्कुट एवं अंडा उत्पादन के लिए  गुलाबी क्रांति – प्याज, झींगा के उत्पादन के लिए  कृषि क्रांति – बायोडीजल के उत्पादन के लिए सुनहरी क्रांति – फल उत्पादन के लिए

भारत के महत्वपूर्ण कृषि क्रांतियां (Bharat ke mahatvpurn krishi Krantiya)

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