मुद्रास्फीति ऐसी स्थिति है जिसे वस्तुओं की सामान्य कीमतों में निरंतर एवं अनियंत्रित वृद्धि तथा मुद्रा की कार्य शक्ति में गिरावट आती है

Inflation (मुद्रास्फीति)

Deflation(अपस्फीति):-  अपस्फिति वही स्थिति है जिसमें वस्तुओं की समग्र कीमतें कम हो जाती हैं और मुद्रा की कार्य शक्ति में उच्च वृद्धि होती हैं

Deflation(अपस्फीति):-

अवस्फीति का तात्पर्य है कि मुद्रास्फीति की दर में गिरावट की स्थिति या हम कह सकते हैं कि जब किसी देश में वस्तुओं और सेवाओं की सामान्य कीमतों की वृद्धि की दर में गिरावट है।

Disinflation(अवस्फीति )

जब किसी देश में वस्तुओं की सामान्य कीमतें घट जाती हैं और मुद्रा की क्रिया शक्ति बढ़ जाती हैं और दूसरी ओर बाजार में तरलता का अभाव होता है, इस स्थिति को मंदी के रूप में जाना जाता है।

मंदी(Recession)

ऐसी स्थिति जहां किसी देश में मुद्रास्फीति के साथ-साथ मंदी दोनों सह-अस्तित्व एक ही समय में हो तथा उस देश में बेरोजगारी भी व्याप्त हो 

मुद्रास्फीतिजनित मंदी

मूल मुद्रास्फीति – इसका अर्थ है मुद्रास्फीति जिसे हर वस्तुओं एवं इंधन उर्जा में विचार नहीं किया जाता है।

मूल मुद्रास्फीति

मुद्रास्फीति का मापन – भारत में मुद्रास्फीति को मासिक आधार पर डब्ल्यू.पी आई.(WPI) एवं सी.पी.आई.(CPI) के आधार पर मापा जाता है।

मुद्रास्फीति का मापन – भारत में मुद्रास्फीति को मासिक आधार पर डब्ल्यू.पी आई.(WPI) एवं सी.पी.आई.(CPI) के आधार पर मापा जाता है।

मुद्रास्फीति का मापन

थोक मूल्य सूचकांक (wholesale price index-WPI) – इसे हैडलाइन मुद्रास्फीति भी कहा जाता है।इसे उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग द्वारा तैयार किया जाता है।

थोक मूल्य सूचकांक

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