कुतुबुद्दीन ऐबक ने ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की स्मृति में कुतुबमीनार का निर्माण प्रारंभ करवाया।
कुतुबुद्दीन ऐबक ने ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की स्मृति में कुतुबमीनार का निर्माण प्रारंभ करवाया।
इल्तुतमिश ने कुतुब मीनार के निर्माण का कार्य पूरा करवाया।दिल्ली के पहले मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1200 ई. में इसके निर्माण कार्य शुरू कराया।
इल्तुतमिश ने कुतुब मीनार के निर्माण का कार्य पूरा करवाया।दिल्ली के पहले मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1200 ई. में इसके निर्माण कार्य शुरू कराया।
दिल्ली का पहला मुसलमान तुर्क शासक कुतुबुद्दीन ऐबक को माना जाता है। तथा भारत में तुर्क राज्य का संस्थापक भी वहीं था।
दिल्ली का पहला मुसलमान तुर्क शासक कुतुबुद्दीन ऐबक को माना जाता है। तथा भारत में तुर्क राज्य का संस्थापक भी वहीं था।
कुतुबमीनार की ऊंचाई 73 मीटर ।इस इमारत की पांच मंजिलें हैं प्रत्येक मंजिलें में एक बालकनी है और इसका आधार 1.5 मी. व्यास कहां है।
कुतुबमीनार की ऊंचाई 73 मीटर ।इस इमारत की पांच मंजिलें हैं प्रत्येक मंजिलें में एक बालकनी है और इसका आधार 1.5 मी. व्यास कहांहै।
मीनार के निकट भारत की पहली क्वातुल – इस्लाम मस्जिद है। यह 27 हिंदू मंदिरों को तोड़कर इसके अवशेषों से निर्मित की गई हैं। इस मस्जिद के प्रांगण में एक 7 मीटर ऊंचा लौह स्तंभ है।
मीनार के निकट भारत की पहली क्वातुल – इस्लाम मस्जिद है। यह 27 हिंदू मंदिरों को तोड़कर इसके अवशेषों से निर्मित की गई हैं। इस मस्जिद के प्रांगण में एक 7 मीटर ऊंचा लौह स्तंभ है।
238 फीट कुतुबमीनार आधार 17 फीट और इसका शीर्ष 9 फीट का है।इस मीनार को शिलालेख से सजाया गया है और इसकी चार बालकनी है। जिसमें अलंकृत कोष्ठाक बनाए गएहैं।
238 फीट कुतुबमीनार आधार 17 फीट और इसका शीर्ष 9 फीट का है।इस मीनार को शिलालेख से सजाया गया है और इसकी चार बालकनी है। जिसमें अलंकृत कोष्ठाक बनाए गएहैं।
कुतुबुद्दीन-ऐबक ने 1193 में इसका निर्माण शुरू कराया और 1997 में मस्जिद पूरी हो गई।
कुतुबुद्दीन-ऐबक ने 1193 में इसका निर्माण शुरू कराया और 1997 में मस्जिद पूरी हो गई।
कुव्वत-ए-इस्लाम (इस्लाम का नूर) मस्जिद विश्व का एक भव्य मस्जिद मानी जाती हैं।कुतुबुद्दीन-ऐबक ने 1193 में इसका निर्माण शुरू कराया और 1997 में मस्जिद पूरी हो गई।
कुव्वत-ए-इस्लाम (इस्लाम का नूर) मस्जिद विश्व का एक भव्य मस्जिद मानी जाती हैं।कुतुबुद्दीन-ऐबक ने 1193 में इसका निर्माण शुरू कराया और 1997 में मस्जिद पूरी हो गई।
इसमें से अधिकतर लाट 27 हिंदू मंदिरों के अवशेषों से बनाए गए हैं|मस्जिद के समीप दिल्ली का पुरातन लौह स्तंभ स्थित है।
इसमें से अधिकतर लाट 27 हिंदू मंदिरों के अवशेषों से बनाए गए हैं|मस्जिद के समीप दिल्ली का पुरातन लौह स्तंभ स्थित है।